NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 15 नौकर
NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 15 नौकर Vsanat वसंत और सारांश (summary)
Board CBSE
Textbook NCERT
Class 6
Subject Hindi Vasant
Chapter 15 Naukar (वसंत नौकर )
पाठ सारांश
प्रस्तुत निबंध में निबंधकार ने महात्मा गांधी के आदर्शों व सिद्धांतों का वर्णन किया है। पाठ में लेखिका बताती है कि आमतौर पर नौकरों-चाकरों द्वारा किये जाने वाले कार्य गांधीजी खुद ही कर लिया करते थे। गांधीजी किसी भी काम को करने में झिझकते नहीं थे। बल्कि दूसरों को भी अपने हाथ से कार्य करने के लिए प्रेरित करते रहते थे। गाँधी जी कहना था कि जो व्यक्ति काम नहीं करता उसे भोजन करने का अधिकार भी नहीं।
महात्मा जी जिस समय वक़ालत से हजारों रुपए कमाते थे तब भी हरेक दिन हाथ से चक्की चलाकर आटा पीसते थे। एक बार की बात है कि कॉलेज के कुछ छात्र उनसे मिलने आए और उनसे कुछ सेवा के विषय में कहने लगे। गांधीजी ने उन छात्रों को गेहूँ साफ करने का काम दिया। वे एक घंटे में ही थक गए और गांधीजी से विदा लेकर चल दिए।
गांधीजी ने कई सालों तक आश्रम के भंडार का भी काम सँभाला। उन्हें सब्जी,फल और अनाज के पौष्टिक गुणों का ज्ञान था। गांधीजी आश्रमवासियों को स्वयं भोजन परोसते थे। गांधीजी के परोसने के कारण सभी को बेस्वाद, उबली हुई सब्जियाँ बिना किसी शिकवा-शिकायत के खानी पड़ती थी। गांधीजी साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखते थे। यही कारण था कि उनके रसोई में चमकते हुए बर्तन देखने को मिलते थे।
आश्रम में चक्की पीसने और कुएँ से पानी निकालने का काम रोज करते थे। उन्हें यह नहीं पसंद नहीं था कि जब तक शरीर में लाचारी न हो तब तक कोई उनका काम करे। उनमें हर प्रकार का कार्य करने की अद्भुत क्षमता थी। दक्षिण अफ्रीका में बोअर युद्ध के दौरान उन्होंने घायलों को स्ट्रेचर पर लाद कर पच्चीस-पच्चीस मिल तक ढोया है। एक बार किसी तालाब में भराई का काम चल रहा था। जब वे लौटकर आए तो उन्होंने देखा की गांधीजी उनके लिए नाश्ते के लिए फल आदि तैयार करके खड़े रखे हुए थे।
एक बार का वाकया है कि गांधीजी साउथ अफ्रीका में प्रवासी भारतीयों की माँग को लेकर लंदन की यात्रा की। वहाँ के भारतीय छात्रों ने उन्हें शाकाहारी भोज के लिए आमंत्रित किया। वे लोग स्वयं उनके लिए भोजन बनाने लगे। तीसरे पहर एक दुबला-पतला व्यक्ति भी उनमें शामिल होकर हाथ बटाने लगा। तत्पश्चात छात्रों को पता चला कि वह दुबला-पतला व्यक्ति और कोई नहीं गांधीजी ही थे।
श्रम के मामले में गांधीजी बहुत सख्त थे परन्तु अपना काम किसी और से करवाना उन्हें कतई पसंद नहीं था। एक दिन राजनैतिक सम्मलेन से रात दस बजे लौटकर भी वह अपना रूम साफ करने लगे। गांधीजी को बच्चों से बहुत अधिक प्यार था। उनका मानना था कि बच्चों के विकास के लिए माता-पिता का प्यार और उनकी देखभाल आवश्यक है।
अफ्रीका में जेल से छूटने के पश्चात् उन्होंने देखा कि उनके दोस्त की धर्मपत्नी बहुत ही कमजोर और दुबली हो गई थी। उस महिला का बालक बहुत प्रयत्नों के बाद भी दूध पीना नहीं छोड़ रहा था। गांधीजी ने एक महीने तक उस बच्चे को अपने पास माता की भांति सुलाया । रात के लिए वे अपनी खटिया के पास पानी रख कर सोते थे। इस प्रकार से उन्होंने बच्चे का दूध पीना बिलकुल छुड़वा दिया।
गांधीजी सदा अपने से बड़ों का आदर-सत्कार करना पुण्य का कार्य समझते थे। साउथ अफ्रीका में जब गोपाल कृष्ण गोखलेजी गांधीजी के साथ ठहरे थे तब गांधीजी स्वयं ही उनके सारे काम करते थे। आश्रम में अगर किसी को रखने की जरुरत होती तो वे किसी हरिजन को रखने का ही आग्रह करते। उनके अनुसार नौकरों को हमें वेतनभोगी मजदूर न समझकर अपने भाई समान समझना उचित समझते थे। इंग्लैण्ड में उन्होंने देखा कि ऊँचे घरानों में नौकरों को परिवार के सदस्य की तरह रखा जाता था। किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता था।
प्रेरणा : हमें बिना काम किए आराम नहीं करना चाहिए। स्वच्छता, ईमानदारी, मैत्रीय भावना, शिष्टता आदि मूल्यों का ख्याल रखना चाहिए। काम करने वाले मजदूरों को छोटा नहीं समझना चाहिए।
निबंध से
प्रश्न 1.
आश्रम में कॉलेज के छात्रों से गांधी जी ने कौन सा काम करवाया और क्यों?
उत्तर-
आश्रम में कॉलेज के छात्रों से गांधी जी ने गेहूं चुनने का काम करवाया। विदेशी छात्रों को इंग्लिश भाषा के ज्ञान पर बड़ा घमंड था। गांधी जी उनके इस अहंकार को तोड़ना चाहते थे। यह शिक्षा देना चाहते थे कि अधिक पढ़े-लिखे होने पर भी छोटे-छोटे कार्यों को करने में में संकोच नहीं करना चाहिए।
प्रश्न 2.
‘आश्रम में गांधी कई ऐसे काम भी करते थे, जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते हैं।’ पाठ से तीन ऐसे प्रसंगों को अपने शब्दों में लिखो जो इस बात का प्रमाण हों।
उत्तर-
आश्रम में गांधी जी कई ऐसे कार्य करते थे, जिन्हें नौकर-चाकर किया करते हैं।
👉 बरतनों की साफ-सफ़ाई खुद किया करते थे। बरतनों को रगड़-रगड़ कर चमकाते थे।
👉 रसोइघर में सब्जियों को धोने, छीलने, काटने का काम खुद किया करते थे। रसोईघर की सफ़ाई का पूरा ध्यान रखते थे।
प्रश्न 3.
लंदन में भोज पर बुलाए जाने पर गांधी जी ने क्या किया?
उत्तर-
गांधी जी को छात्रों ने भोज पर बुलाया तो गांधी जी समय से पहले पहुँचकर तश्तरियाँ धोने, सब्जी साफ़ करने तथा छोटे-मोटे काम करने में सहायता करने लगे।
प्रश्न 4.
गांधी जी ने श्रीमती पोलक के बच्चे को दूध कैसे छुड़वाया?
उत्तर-
श्रीमती पोलक का बालक रात में दूध पीने के लिए अपनी माँ को पूरी रात जगाए रखता था। जिसकी वजह से वह काफ़ी कमज़ोर और दुबली हो गई थीं। गांधी जी ने बच्चे की देखभाल का कार्य अपने हाथों में ले लिया। रात को देर से घर पहुँचने पर भी श्रीमती पोलक के बिस्तर से बालक को उठाकर अपने बिस्तर पर लिटा देते थे। उसे पानी पिलाने के लिए भी रख लेते थे। उन्होंने बच्चे को पंद्रह दिन तक अपने साथ बिस्तर पर सुलाया। माँ से पंद्रह दिन तक अलग सोने पर बालक दूध छोड़ दिया।
प्रश्न 5.
आश्रम में काम करने या करवाने का कौन सा तरीका गांधी जी अपनाते थे? इसे पाठ पढ़कर लिखो।
उत्तर-
आश्रम में गांधी जी स्वयं काम करते थे व अन्य से काम करवाने में सख्त रहते थे। अपना काम किसी और से करवाना पसंद नहीं करते थे। काम करने वालों को कभी नौकर नहीं समझते थे, उन्हें भाई या बहन मानते थे। इससे काम न करने की सोचने वाला भी काम करने को उत्साहित रहते थे।
प्रश्न 1.
(क) “पिसाई’ संज्ञा है। पीसना शब्द से ‘ना’ निकाल देने पर ‘पीस’ धातु रह जाती है। पीस धातु से ‘आई’ प्रत्यय जोड़ने पर ‘पिसाई’ शब्द बनता है। किसी-किसी क्रिया में प्रत्यय जोड़कर उसे संज्ञा बनाने के बाद उसके रूप में बदलाव आ जाता है; जैस-ढोना से ढुलाई, बोना से बुआई।
मूल शब्द के अंत में जुड़कर नया शब्द बनाने वाले शब्दांश को प्रत्यय कहते हैं।
नीचे कुछ संज्ञाएँ दी गई हैं। बताओ ये किन क्रियाओं से बनी हैं?
उत्तर
1. रोपाई – रोपना
2. कटाई – काटना
3. सिंचाई – सींचना
4. सिलाई – सिलना
5. कताई – कातना
6. रँगाई – रँगना
(ख) हर काम-धंधे के क्षेत्र की अपनी कुछ अलग भाषा और शब्द-भंडार भी होते हैं। ऊपर लिखे शब्दों का संबंध दो अलग-अलग कामों से है। पहचानो कि दिए गए शब्दों के संबंध किन-किन कामों से है?
उत्तर
रोपाई, सिंचाई, कटाई खेतीबारी के काम हैं।
कताई, सिलाई, रंगाई वस्त्र निर्माणका कार्य हैं।
प्रश्न 2.
(क) तुमने कपड़ों को सिलते हुए देखा होगा। नीचे इस काम से जुड़े हुए कुछ शब्द दिए गए हैं। आसपास के बड़ों से या दरजी से इन शब्दों के बारे में पूछो और इन शब्दों को कुछ वाक्यों में समझाओ।
👉 तुरपाई : हाथ से सिलाई करने को तुरपाई कहते हैं।
(ख) नीचे लिखे गए शब्द पाठ से लिए गए हैं। इन्हें पाठ में खोजकर बताओ कि ये स्त्रीलिंग हैं या पुल्लिंग।
कालिख, भराई, चक्की, रोशनी, सेवा, पतीला
उत्तर
कालिख, भराई, सेवा, चक्की, रोशनी स्त्रीलिंग है, जबकि पतीला-पुल्लिंग शब्द है।
जन्म : 2 अक्टूबर 1869 पोरबन्दर, गुजरात मृत्यु : 30 जनवरी 1948, गाँधी स्मृति मृत्यु का कारण : मानव हत्या बैलिस्टिक आघात माता-पिता : पुतलीबाई - करमचंद गाँधी जीवनसाथी : कस्तूरबा गाँधी |